ग्रह – मित्रता और शत्रुता
कौन से ग्रह किस से मित्रता रखते हैं और किनसे शत्रुता रखते हैं
आप स्क्रीन पर दिए हुए चार्ट के माध्यम से भी समझ सकते हैं
मैंने इस चार्ट को दो भाग में बांट दिया है गुड प्लानेट और बेड प्लानेट
गुड प्लांट में सूर्य मंगल चंद्रमा और बृहस्पति को रखा गया यह आपस में एक दूसरे के मित्र हैं और bad प्लांट में शुक्र शनि राहु और केतु को रखा गया यह चारों एक दूसरे के मित्र हैं
बुध न्यूट्रल है क्योंकि इनकी सबके साथ मित्रता है
सबसे पहले हम बात करेंगे सूर्य देवता की सूर्य देवता आत्मा का कारक माना जाता है
जब भी भगवान किसी का सृष्टि मैं संरचना का सोचते हैं तो सबसे पहले आत्मा का निर्माण करते हैं जिस का कारक सूर्य को माना गया है
मंगल
अब आत्मा के लिए शरीर का निर्माण होता है और शरीर का कारक मंगल है क्योंकि मंगल ही हमारे पूरे बॉडी को कंट्रोल करता है ऐसा मैंने अपने पिछले वीडियो में भी बता चुका हूं मंगल के पास body का कंट्रोलिंग पावर है
अब आ जाते हैं चंद्रमा पर अगर हमारे पास शरीर है तो इसमें फीलिंग भी आएंगे
ज्योतिष में चंद्रमा का बहुत बड़ा रोल होता है क्योंकि यह हमारे मन को कंट्रोल करता है
अब हमारे पास आत्मा है शरीर है मन है
अब हम लोग आ जाते हैं बृहस्पति पर
बृहस्पति ज्ञान का कारक है हमारे पास ज्ञान होगा तो ही हम अच्छी जिंदगी जी सकते हैं अच्छे पैसे कमा सकते हैं क्योंकि बृहस्पति पैसा का भी कारक है।
अब आ जाते हैं शुक्र
शुक्र भौतिक सुख और क्लेश का कारक माना गया है क्योंकि दुनिया में जितनी भी लड़ाई होती है वो भौतिक सुख के कारण होता है कभी आपने नहीं सुना होगा कि कोई लड़ाई किसी के आशीर्वाद के लिए हुआ होगा
शुक्र के वजह से ही बहुत सारे झगड़े होते हैं और बहुत सारे रिश्ते टूटते हैं
अब हम बात करते हैं शनि की
शनि डिप्रेशन टेंशन और मेंटल पीस डिस्टर्ब करने का कारक है जब भी किसी को भौतिक सुख जो वह deserve करता है वह नहीं मिलेगा तो उसे टेंशन होगी डिप्रेशन होगी और उसका मेंटल पीस खराब होगा
राहु
जब इंसान डिप्रेशन में चला जाता है तो जितनी भी illigal एक्टिविटी होती है राहु उस तरीके से अपना काम कराने का सोचता है जैसा कि मैं पहले भी बता चुका हूं कि राहु सारे illigal चीज और दुनिया के सारे बुरे काम राहु करवाता है
जो चीजें जातक अपने जीवन में सही तरीके से नहीं ला पाया अब वह गलत तरीके से लाएगा ।
अल्कोहल , gambling यह सारी चीजें राहु का डिपार्टमेंट है
केतु
केतु मोक्ष का कारक है यहां पर इंसान को समझ में आ जाती है कि यह चीज हमारे जीवन में है ही नहीं वह भाग भाग कर थक जाता है और भगवान से मोक्ष मांगने लगता है ।
अब बात करते हैं लास्ट में बुध की
बुध एक ऐसा ग्रह है जिसका देव ग्रह और दानव ग्रह मतलब गुड प्लानेट और बेड प्लानेट दोनों के साथ मित्रता है बुध के पास बुद्धि है इसलिए वह किसी से शत्रुता बनाकर नहीं रखे हैं