9 ग्रह और 12 भाव जाने
जैसे बिना कोई वर्णमाला जाने हम लोग कोई भाषा नहीं सीख सकते हैं उसी प्रकार ज्योतिष में 9 ग्रह और 12 भाव जाने ज्योतिष नहीं सीख सकते
तो आए हम लोग शुरू करते हैं प्रथम भाव से प्रथम भाव को लग्न भी बोला जाता है
प्रथम भाव हमारे रंग-रूप शरीर आत्मविश्वास को दर्शाते हैं लग्न का आविष्कार जन्म लेते ही हो जाती है
दूसरा भाव धन , कुटुम्ब , वाणी
धन का मतलब होता है आय , कुटुम्ब का मतलब होता हैं परिवार कैसा होगा और वाणी का मतलब होता है कि वह जाता कैसा बोलेगा
तीसरा कठोर परिश्रम को दर्शाते हैं इसे पराक्रम का भाव की बोला जाता है यहां से छोटे भाई बहन और छोटी यात्रा भी देखी जाती हैं
चौथा भाव से हम घर भूमि वाहन और माता के बारे में जानते हैं यहां जातक के जीवन में कैसा सुख सुविधा …..यह सारी जानकारियां चौथा भाव से मिलती हैं
पाँचवा भाव जो संतान भाव भी बोला जाता है यहां से जातक के संतान के बारे में और उसके स्वयं का विकास के बारे में पता चलता हैं यहां से पेट संबंधित बीमारियां भी पता चलती हैं
छठा भाव यहां से रोग ऋण शत्रु मुकदमा दुर्घटना के बारे में पता चलता हैं
सप्तम हाउस जो मैरिड लाइफ का हाउस बोला जाता है यहां से पार्टनरशिप बिजनेस भी देखी जाती है
अष्टम भाव यहां से जातक की दिक्कत परेशानियों देखी जाती है यह अच्छा भाव नहीं माना जाता हैं इसे mritu sthan भी बोलते हैं ससुराल पक्ष भी यहीं से देखा जाता हैं
नवम भाव भाग्य स्थान यहां से जातक का भाग्य को देखा जाता हैं जातक का भाग्य कैसा होगा यह सारी चीज की जानकारी यही से प्राप्त होती है जातक धर्म को मानने वाला होगा या नहीं वह भी नवम भाव से देखा जाता है
दशम भाव कर्म स्थान यहां से कामकाज जॉब प्रोफेशन देखा जाता हैं यह पिता का भाव हैं यहां से पिता के बारे में जानकारी मिलती हैं
एकादश भाव यहां से इनकम बड़े भाई और छोटी बीमारियां के बारे में पता चलती हैं छोटी बीमारी इसलिए क्योंकि यह छठे से छठा भाव है
द्वादश भाव व्यय स्थान हैं यहां से विदेश सेटलमेंट अस्पताल का खर्चा और जेल यात्रा भी यहीं से देखा जाता हैं